भारत के मैदान
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- भारतीय मैदान को अध्ययन की दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) पश्चिमी तटीय मैदान(ii) पूर्वी तटीय मैदान
(iii) उत्तर भारत का मैदान
- प्रायद्वीपीय भारत के पठार के उच्चावच को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से दो भागों में विभाजित करते हैं –
(i) पश्चिमी तटीय मैदान(ii) पूर्वी तटीय मैदान
- प्रायद्वीपीय भारत के पठार से अनेक नदियां प्रवाहित होती हैं| उनमे से कुछ नदियां बंगाल की खाड़ी में, जबकि कुछ नदियां अरब सागर में अपना जल गिराती हैं| ये नदियाँ प्रायद्वीपीय भारत के पठार को काटकर मिट्टी और बालू के कणों को समुद्र की तरफ निक्षेपित कर देती हैं, इस जलोढ़ निक्षेप के कारण ही पश्चिमी तटीय मैदान तथा पूर्वी तटीय मैदान का निर्माण हुआ हैं|
- पश्चिमी घाट पर्वत के पश्चिम दिशा में पश्चिम तटीय मैदान स्थित है| पश्चिमी तटीय मैदान पर ही मुम्बई, कोच्चि, सूरत आदि शहर बसे हुए हैं|
- पूर्वी घाट पर्वत के पूर्व में स्थित तटीय मैदान को पूर्वी तटीय मैदान कहते हैं| चेन्नई, विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर आदि शहर पूर्वी तटीय मैदान पर ही बसे हुए हैं|
- पूर्वी तटीय मैदान और पश्चिमी तटीय मैदानों का निर्माण प्रायद्वीपीय भारत से निकलने वाली नदियों ने किया है|
पश्चिमी तटीय मैदान
- पश्चिमी तटीय मैदान का विस्तार गुजरात राज्य से लेकर कन्याकुमारी तक है|
- कन्याकुमारी को केपकेमोरिन अथवा कुमारीअन्तरीप के नाम से भी जाना जाता है|
- पश्चिमी तटीय मैदान की सर्वाधिक चौड़ाई नर्मदा एवं तापी नदियों के मुहाने पर है|
- गुजरात से लेकर गोवा तक के क्षेत्र को कोंकड़ तट कहते हैं|
- गोवा से लेकर कर्नाटक के मंगलौर तक कन्नड़ तट तथा मंगलौर से लेकर कन्याकुमारी तक मालाबार तट कहते हैं|
- मालाबार तट का अधिकांश भाग केरल राज्य के अंतर्गत आता है|
- धरातल पर स्थित समुद्र का वह जल जो चारों तरफ से भू-भाग से घिरा होता है, उसे लैगून कहते हैं|
- लैगून खारे पानी की झील होती है|
- मालाबार तट पर कुछ लैगून झीलें पायी जाती हैं, उदाहरण के लिए-केरल में वेम्बनाड झील और अष्टामुदी झील|
- केरल में स्थानीय रूप से लैगून झीलों को कयाल कहते हैं|
- पश्चिमी घाट का पश्चिमी किनारा कगारनुमा है, अर्थात् इसका ढाल अत्यंत तीव्र है| तीव्र ढाल होने के कारण पश्चिमी घाट पर प्रवाहित होने वाली नदियाँ जो पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हैं,अत्यंत तीव्रगामी होती हैं| ये नदियाँ अपने मुहाने पर एस्चुअरी अथवा ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं|
- गुजरात में नर्मदा एवं ताप्ती नदी तथा कर्नाटक में शरावती और गोवा में माण्डवी, जुआरी नदियाँ एस्चुअरी अथवा ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं| इसी प्रकार केरल में भरतपूजा तथा पेरियार नदियाँ एस्चुअरी अथवा ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं|
- गोवा की राजधानी पणजी, जुआरी नदी के तट पर स्थित है|
पूर्वी तटीय मैदान
- पूर्वी तटीय मैदान का निर्माण नदियों के डेल्टा क्षेत्र से मिलकर हुआ है, दूसरे शब्दों में पूर्वी तट के मैदानों का निर्माण नदियों के जलोढ़ निक्षेप के कारण हुआ है|
- जलोढ़ निक्षेप में नदियाँ प्रतिवर्ष अपने साथ उपजाऊ मिट्टी को बहाकर ले आती हैं, यही कारण है कि पूर्वी घाट मैदान अत्यंत उपजाऊ है|
- विशेष रूप से पूर्वी तटीय मैदान क्षेत्र धान की खेती के लिए उपयुक्त है|
- कोरोमंडल तट पर कावेरी तथा अन्य नदियों की घाटियों में धान की खेती पर्याप्त मात्रा में की जाती है|
- हुगली नदी के मुहाने से लेकर कन्याकुमारी तक पूर्वी तटीय मैदान का विस्तार है|
- पूर्वी तटीय मैदान की सर्वाधिक चौड़ाई तमिलनाडु राज्य में है|
- उड़ीसा में पूर्वी तटीय मैदान को उत्कल तट कहते हैं|
- आंध्र प्रदेश में गोदावरी और कृष्णा नदियाँ अपनी डेल्टा बनाती हैं|
- पश्चिमी घाट की नदियाँ अपने मुहाने पर एस्चुअरी का निर्माण करती हैं, जबकि पूर्वी घाट में प्रवाहित होने वाली नदियाँ अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती हैं|
- उड़ीसा में उत्कल तट और आंध्र प्रदेश में गोदावरी और कृष्णा नदियों के बीच के भू-भाग को उत्तरी सरकार कहा जाता है|
- पुलीकट झील आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु की सीमा पर स्थित झील है, हालांकि पुलीकट झील आंध्र प्रदेश राज्य के अंतर्गत स्थित है|
- तमिलनाडु के तटीय मैदान को कोरोमण्डल तट कहते हैं|
- पूर्वी तटीय मैदान पर भी कुछ लैगून झीले हैं|जैसे – उड़ीसा में चिल्का झील और आंध्र प्रदेश में पुलीकट झील|
- पुलीकट झील के बीचों-बीच श्रीहरिकोटा द्वीप स्थित है|
- पुलीकट झील में स्थित श्रीहरिकोटा द्वीप पर ही सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र स्थित है|
उत्तर भारत का मैदान
- हिमालयी नदियाँ अपने साथ अत्यंत बड़े-बड़े शिलाखण्डों को बहाकर ले आती हैं| पर्वतीय क्षेत्रों में पर्वतों का तीव्र ढाल होने के कारण ये नदियाँ अपने साथ शिलाखण्डों को बहाकर तो ले आती हैं, किन्तु शिवालिक क्षेत्र में मंद ढाल होने के कारण शिवालिक के गिरिपाद क्षेत्र में इन शिलाखण्डों को जमा कर देती हैं| इस प्रदेश को भाबर प्रदेश कहते हैं|
- पर्वत के निचले क्षेत्र को गिरिपाद कहते हैं|
- उच्चावच की दृष्टि से उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र को भाबर प्रदेश, तराई प्रदेश, खादर प्रदेश एवं बांगर प्रदेश में विभाजित किया गया है|
भाबर प्रदेश
- भाबर प्रदेश शिवालिक हिमालय के दक्षिण में शिवालिक हिमालय के समानांतर सिंधु नदी से लेकर तीस्ता नदी तक विस्तृत है|
- हिमालय से निकलने वाली नदियाँ जब भाबर प्रदेश में पहुँचती हैं, तो बड़े-बड़े शिलाखण्डों में प्रवेश कर जाती हैं, जिसके कारण नदियाँ सतह पर विलुप्त हो जाती हैं|
- भाबर प्रदेश शिलाखण्डों के कारण कृषि योग्य नहीं होती, क्योंकि यहाँ कृषि योग्य भूमि उपलब्ध नहीं है|
- भाबर प्रदेश सिन्धु नदी से लेकर शिवालिक के गिरिपाद प्रदेश में तीस्ता नदी तक पश्चिम से पूर्व दिशा में विस्तृत है|
तराई प्रदेश
- जब नदियाँ भाबर प्रदेश से बाहर निकलती हैं, तो शिलाखण्डों के कारण नदियों का जल तितर-बितर हो जाता है| यही कारण है कि इस क्षेत्र में नदियों की कोई स्पष्ट धारा नहीं रह जाती है|
- भाबर प्रदेश से निकलकर नदियों का जल इतना तितर-बितर हो जाता है कि भाबर प्रदेश के दक्षिण में सिंधु से लेकर तीस्ता नदी तक दलदली क्षेत्रों का निर्माण हो जाता है| इन दलदली क्षेत्रों में अनेक तरह के रेंगने वाले जीव तथा विषैले कीट पाये जाते हैं| भाबर प्रदेश के बाद दलदली क्षेत्र को तराई का क्षेत्र या मैदान कहते हैं|
- तराई क्षेत्र धान की कृषि के लिए उत्तम क्षेत्र है |
खादर प्रदेश
- उत्तर भारत के मैदान में नदियों द्वारा लाये गए जलोढ़ निक्षेप के कारण खादर प्रदेशों का निर्माण होता है| चूंकि नदियों द्वारा प्रत्येक वर्ष अवसादों का निक्षेपण किया जाता है, जिसके कारण ये प्रदेश अत्यंत उपजाऊ होते हैं|
बांगर प्रदेश
- उत्तर भारत के मैदान में नदियों से दूर स्थित प्रदेशों में जहाँ नदियों के बाढ़ का जल ऊँचाई होने के कारण नहीं पहुँच पाता है, ऐसे प्रदेशों को बांगर प्रदेश कहते हैं|
- बांगर प्रदेश पुराने जलोढ़ प्रदेशों का क्षेत्र है| यह अपेक्षाकृत कम उपजाऊ होता है|
Saddam husain
April 5, 2022, 7:24 pmVery well sir ji Thank you so much
Mangilal
April 3, 2022, 5:21 pmVery nice
SANDEEP KUMAR SUMAN
November 4, 2021, 4:50 pmGood
SITESH KUMAR
April 28, 2020, 3:18 pmNice sir
Yogesh Sharma
April 1, 2020, 10:03 amDear Sir, Please correct it ,... Capital Panji is on the coast of Mandvi river ,,,,,,,,,, not jowari river. ...........
Raj aaryan
January 18, 2020, 9:15 pmSir please PDF ka option de do.???
Shilpa
January 1, 2020, 12:36 amSir PDF me
Shilpa
January 1, 2020, 12:34 amSir please PDF option de
Sonu garwal
December 27, 2019, 8:29 pmSir PDF Ka bhi option dijiye For paid.
Amit
December 27, 2019, 7:10 pmCan we get these notes in pdfs bcoz I m paid user?