अफ्रीका महाद्वीप – 2

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अफ्रीका महाद्वीप
अफ्रीका महाद्वीप
  • भूमध्य सागर में नील नदी के मुहाने से लेकर दक्षिण में मलावी झील तक अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी भाग में एक दरार घाटी का निर्माण हो गया है |इसी दरार घाटीअथवा भ्रंश घाटी में उत्तर से दक्षिण की दिशा में नासिर झील, विक्टोरिया झील, टंगनिका झील और मलावी झील एक सीधी रेखा में स्थित हैं|नील नदी विक्टोरिया झील से निकल कर इसी दरार घाटी में उत्तर की ओर प्रवाहित होते हुए भूमध्य सागर में अपना जल गिराती है |
  • नासीर झील मिस्र में नील नदी पर स्थित है |
  • विक्टोरिया झील भूमध्य रेखा पर स्थित है |नील नदी का उद्गम स्थल विक्टोरिया झील है |
  • विक्टोरिया झील से तीन देश- तंजानिया, युगांडा और केन्या सीमा बनाते हैं |
  • टंगनिका झील से 4 देश – तंजानिया, बुरूंडी, जायरे और जांम्बिया सीमा बनाते हैं |
  • मलावी झील स्पष्ट रूप से अफ्रीका के तीन देशों- मलावी, तंजानिया और मोजाम्बिक से सीमा बनाती है |अफ्रीका महाद्वीप में तुर्कान झील,केन्या में तथा टाना झील,इथीयोपीया में स्थित है |
  • विश्व के सबसे महत्वपूर्ण नदियों में नील नदी का प्रमुख स्थान है |नील नदी अफ्रीका के चार देशों युगांडा, दक्षिणी सूडान, सूडान तथा मिस्र से होकर प्रवाहित होती है|
अफ्रीका महाद्वीप
अफ्रीका महाद्वीप
  • जुलाई 2011 में दक्षिणी सूडान कीस्थापना सूडानसे अलग होकर एक ईसाई बाहुल्य देश के रूप में हुई | दक्षिणी सूडान की राजधानी जुबा है |
  • सफेद नील नदी का उद्गम विक्टोरिया झील से होता है जबकि नीली नील नदी का उद्गम इथीयोपीया से होता है |
  • नील नदी की दो धाराएं हैं| ये दोनों धाराएं सूडान की राजधानी खार्तुम में मिलती है | सूडान में दोनों धाराओं के मिल जाने के बाद इसे संयुक्त रूप से नील नदी कहते हैं | मिस्र में नासीर झील के उत्तर में नील नदी परआस्वान बांध का निर्माण किया गया है|मिस्र मेंनील नदी पर आस्वान बांध बनाकर जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है |
  • कांगो गणराज्यको जायरे अथवा मध्य अफ़्रीकी गणराज्य के नाम से भी जाना जाता है |कांगो गणराज्य में एक विशाल नदी प्रवाहित होती है, इसे कांगो नदी कहते हैं|कांगो नदी की मुख्य विशेषता यह है कि कांगो नदी विषुवत रेखा को दो बार काटती है |
  • वास्तव में कांगो गणराज्य का क्षेत्रफल कांगो नदी के जलग्रहण क्षेत्र के साथ-साथ ही विस्तृत है | कांगो नदी के कारण ही कांगो गणराज्य की सीमा अटलांटिक महासागर तक विस्तृत है |
  • कांगो गणराज्य के दक्षिणी क्षेत्र में एक पठार स्थित है, इसे कटंगा पठार कहते हैं|कटंगा पठार धात्विक खनिज के मामले में अत्यन्त समृद्ध पठार है | यहां मुख्य रूप से दो धातुएं हीरा और तांबा पायी जातीहैं |
  • विश्व के कुल भण्डार का लगभग 40% हीरा कटंगा पठार में संचित है| किन्तु यहां से अभी उत्पादन नहीं किया जाता है | विश्व में हीरा उत्पादन में अग्रणी देश रूस है |
  • विश्व में तांबे के प्रमुख बड़े भण्डारों में कटंगा पठार शामिल है | कटंगा पठार में बहुत बड़ा तांबे का संचित भण्डार है |
  • नाइजीरिया में एक प्रमुख नदी प्रवाहित होते हुए अपना जल गिनी की खाड़ी में गिराती है, इस नदी को नाइजर नदी कहते हैं |
  • नाइजीरिया में नाइजर नदी की घाटी में जमीन के नीचे बड़े मात्रा में पेट्रोलियम का भण्डार संचित है, इसलिए इस नदी को तेल नदी (Oil River) भी कहते हैं |
  • नाइजर नदी के घाटी में इबादान नामक एक प्रमुख शहर स्थित है |इबादान से पेट्रोलियम पदार्थों का खनन किया जाता है | नाइजीरिया में उत्पादित पेट्रोलियम पदार्थों का शोधन इबादान रिफाइनरी में ही किया जाता है|इबादान,नाइजीरिया का सबसे बड़ा नगर है |
  • नाइजीरिया में नाइजर नदी पर कैन्जी बाँध बनाया गया है | इस बाँध से जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है |
  • दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना के सीमा पर लिम्पोपो नदी प्रवाहित होती है| लिम्पोपो नदी, मकर रेखा को दो बार काटती है |
  • जाम्बिया और जिम्बाबवे की सीमा पर जाम्बेजी नदी प्रवाहित होती है | जाम्बेजी नदी जाम्बिया और जिम्बाबवे की सीमा पर प्रवाहित होते हुए मोजाम्बिक जलसंधि में अपना जल गिराती है | जाम्बेजी नदी पर करीबा बांध का निर्माण किया गया है |
  • अफ्रीका महाद्वीप का सबसे सम्पन्न देश दक्षिण अफ्रीका है | दक्षिण अफ्रीका में जोहान्सबर्ग सबसे महत्वपूर्ण शहर है |
  • जोहान्सबर्ग, विट॒वार्ट॒जरैंड कीपहाड़ी पर स्थित है |विट॒वार्ट॒जरैंड की पहाड़ी में सोने का विशाल भण्डार संचित है |
  • विश्व में सर्वाधिक सोना जोहान्सबर्ग की खानों से प्राप्त किया जाता है|इसलिए जोहान्सबर्ग को स्वर्ण नगर भी कहते हैं |
  • दक्षिण अफ्रीका की दो राजधानियाँ हैं –

(i)     प्रिटोरिया

(ii)    केपटाउन

  • प्रिटोरिया दक्षिण अफ्रीका की प्रशासनिक राजधानी है और केपटाउन दक्षिण अफ्रीका की वैधानिक राजधानी है |
  • दक्षिण अफ्रीका की संसद,केपटाउन में स्थित है | प्रिटोरिया का नया नाम स्वाने है |
  • विषुवत रेखा पर वर्षभर वर्षा होती है |अफ्रीका महाद्वीप पर विषुवत रेखा के निकट दो महत्वपूर्ण देश स्थित है |

(i)     कांगो गणराज्य (जायरे)

(ii)    कांगो

  • कांगो गणराज्य (जायरे)तथा कांगो में विषुवतीय जलवायु पायी जाती है|अत: यहाँ सदाबहार वन या वर्षा वन पाये जाते हैं |
  • अफ्रीका में विषुवतीय जलवायु के उत्तर अथवा दक्षिण में जाने पर सवाना तुल्य जलवायु पायी जाती है | सवाना तुल्य जलवायु को सूडान तुल्य जलवायु भी कहते हैं | यहाँ मोटे, कंटीली तथा कठोर घासों के मैदान पाये जाते हैं | यहाँ अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है |
  • सवाना तुल्य जलवायु के उत्तर अथवा दक्षिण में जाने पर मरूस्थलीय जलवायु पायी जाती है | अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरमेंसहारा मरूस्थल का विकास हुआ हैतथा इसके दक्षिणी भाग में कालाहारी मरूस्थल विस्तृत है |
  • सहारा मरूस्थल में प्रमुख पशु ऊँट पाया जाता है जबकिकालाहारी मरूस्थल में शुतुरमुर्ग पाया जाता है |
  • दक्षिणी अफ्रीका के दक्षिणी क्षेत्रों में शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है | शीतोष्ण जलवायु को प्रेयरी जलवायु भी कहते हैं| दक्षिण अफ्रीका में प्रेयरी जलवायु को स्थानीय रूप से वेल्ड प्रदेश कहते हैं | यहां मुख्य रूप से मक्का उगाया जाता है| इसलिए इसे मक्का त्रिभुज भीकहा जाता है |
  • दक्षिण अफ्रीका का वेल्ड प्रदेश, मैरिनो किस्म के भेड़ पालन का क्षेत्र है | यहां मेरिनों भेड़े बड़ी मात्रा में पाली जाती हैं |

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SITESH KUMAR
July 29, 2020, 2:54 pm

Thanks sir