कोयला संसाधन
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- आधुनिक समाज के विकास का मुख्य आधार कोयला है |18 वीं शताब्दी में औद्योगीकरण का प्रारम्भ कोयले के उपयोग से ही प्रारम्भ हुआ था| आज भी अधिकांश गतिविधियाँ कोयले के माध्यम से ही सम्पन्न की जा रही हैं |
- देश में कुल विद्युत उत्पादन का लगभग 77 प्रतिशतविद्युत उत्पादन कोयले से होता है इसलिए कोयला देश का एक महत्वपूर्ण खनिजसंसाधन है |
- कोयला वनस्पति एवं जीवों का कार्बनिक अवशेष है |गोंडवाना काल में धरती पर अत्यन्त विशालकाय वृक्ष एवं जन्तुपाए जाते थे | किसी प्राकृतिक हलचल के कारण ये वृक्ष और जन्तु धरती में समाहित हो गये | पृथ्वी के भीतर अत्यधिक ताप और दाब के कारण उनकी संरचना में परिवर्तन हो गया और वे चट्टानों के रूप में परिवर्तित हो गये और इनमें विद्यमान ऊर्जा कोयला के रूप में परिवर्तित हो गया |
- भारत में कोयला मुख्यत: पूर्वी भारत में पाया जाता है तथा संभवत: इनका निर्माण भी गोंडवाना काल में हुआ था|अत: पूर्वी भारत से प्राप्त कोयले को गोंडवाना काल का कोयला कहते हैं |
- देश में कोयले का वर्तमान भण्डार लगभग 285 अरब टन है |कोयला आधुनिक विकास का महत्वपूर्ण संसाधन है इसलिए इसका तेजी के साथ दोहन किया जा रहा है |भूगर्भशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है किइस प्रकार कोयले का दोहन होता रहा तो वर्ष 2050तक कोयला पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा |
- देश में कुल कोयला उत्पादन का लगभग 77 प्रतिशत भाग ताप विद्युत गृहों में विद्युत बनाने के लिए उपयोग किया जाता है |
ताप विद्युत निर्माण के तीन आधार है –
(i) कोयला
(ii) पेट्रोलियम
(iii) प्राकृतिक गैस
- तापविद्युत उत्पादन का सबसे बड़ा आधार कोयला है |
- भारत में व्यावसायिक ऊर्जा खपत में कोयला का 67 प्रतिशत योगदान है |
- आधुनिक तरीके से कोयला निष्कासन का पहला प्रयास रानीगंज कोयला क्षेत्र पश्चिम बंगाल में किया गया था |हमारे देश में कोयले का जो भी भण्डारण है, वह सामान्यतः दो तरह की चट्टानों में पाया जाता है –
- गोंडवाना क्रम की चट्टानों में
- टर्शियरी क्रम की चट्टानों
- भारत में कोयले के समस्त भण्डार का लगभग 98 प्रतिशतकोयला गोंडवाना क्रम की चट्टानों में संचित है तथा 2 प्रतिशत कोयला टर्शियरी क्रम की चट्टानों में संचित है |
- हमारे देश में गोंडवाना क्रम की चट्टानों से प्राप्त कोयला विटुमिनस प्रकार का कोयला है |
विश्व में कोयला मुख्यतः 4 प्रकार का होता है –
(i) एन्थ्रेसाइट
(ii) विटुमिनस
(iii) लिग्नाइट
(iv) पीट
- गोंडवाना क्रम की चट्टानों से विटुमिनस प्रकार का कोयला प्राप्त किया जाता है| गोंडवाना क्रम की चट्टानों से प्राप्त विटुमिनस प्रकार का कोयला भारत के छोटानागपुर पठार क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यत: चार क्षेत्रों में पाया जाता है –
(i) झारखण्ड
(ii) पश्चिम बंगाल
(iii) उड़ीसा
(iv) छत्तीसगढ़
- टर्शियरी क्रम की चट्टानों से प्राप्त कोयला ऐन्थ्रेसाइट प्रकार का होता है|यह कोयला मुख्यत: जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में पाया जाता है| टर्शियरी क्रम की चट्टानों से प्राप्त कोयला उच्च किस्म का कोयला होता है किन्तु भारत में इसका सिमित भण्डार है |
- भारत में कोयला मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत या दक्षिण भारत के नदी घाटियों में पाया जाता है | जैसे –दामोदर नदी घाटी, सोन नदी घाटीऔरमहानदी घाटी|
दामोदर नदी घाटी का कोयला मुख्यत: दो राज्यों में पाया जाता है –
(i) झारखण्ड
(ii) पश्चिम बंगाल
सोन नदी घाटी कोयला क्षेत्र दो राज्यों में विस्तृत है –
(i) मध्य प्रदेश
(ii) छत्तीसगढ़
महानदी घाटी कोयला क्षेत्र भारत के दो राज्यों में विस्तृत है-
(i) आंध्र प्रदेश
(ii) उड़ीसा
- महानदी घाटी कोयला क्षेत्र उड़ीसा में ब्राह्मणी नदी घाटी कोयला क्षेत्रके नाम से प्रसिद्ध है |
- महानदी घाटी कोयला क्षेत्र आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी घाटी कोयला क्षेत्रके रूप में जाना जाता है |
भारत में राज्यवार कोयला क्षेत्र का वितरण इस प्रकार है –
प्रमुख कोयला क्षेत्र | अवस्थिति |
रानीगंज कोयला क्षेत्र | दामोदर नदी घाटी, पश्चिम बंगाल |
झरिया कोयला क्षेत्र | धनबाद, झारखण्ड |
गिरिडीह कोयला क्षेत्र | दामोदर नदी घाटी, झारखण्ड |
बोकारो कोयला क्षेत्र | हजारी बाग, झारखण्ड |
सिंगरौली कोयला क्षेत्र | सोन नदी घाटी, मध्य प्रदेश |
सुहागपुर कोयला क्षेत्र | सोन नदी घाटी, मध्य प्रदेश |
तातापानी और रामकोला कोयला क्षेत्र | सोन नदी घाटी, छत्तीसगढ़ |
कोरबा कोयला क्षेत्र | महानदी घाटी, छत्तीसगढ़ |
तलचर कोयला क्षेत्र | ब्राह्मणी नदी घाटी, उड़ीसा |
सिंगरेनी कोयला क्षेत्र | गोदावरी नदी घाटी, आंध्र प्रदेश |
- रानीगंज कोयलाक्षेत्र दामोदर नदी घाटी पश्चिम बंगाल में है | यह देश का सबसे महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र है| देश का लगभग 35 प्रतिशतकोयला उत्पादन रानीगंज की खान से होता है |
- दामोदर नदी घाटी मेंझरिया कोयला क्षेत्र झारखण्ड का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्रस्थित है |
Sanju vishwakarma
May 19, 2023, 2:46 pmNice