भारत में कृषि – भाग 2
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चावल या धान
- चावल या धानग्रेमिनीकुल का पौधा है |
- चावल का वानस्पतिक नाम ऑरिजा सेटाइवा है |
- चावल एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का पौधा है |
- चावल या धान की उत्पत्ति का केन्द्र भारत अथवा दक्षिण पूर्वी एशिया के देशजैसे -म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कम्बोडिया और वियतनाम को माना जाता है |
- विश्व में चावल की कृषि के अन्तर्गत सबसे ज्यादा क्षेत्र भारत में है, किन्तु चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है |
- देश में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चावल की तीन फसल पैदा की जाती हैं –
(i) ओस – शरद ऋतु का फसल (मानसून काल में)
(ii) अमन – शीतऋतु का फसल
(iii) बोरो – ग्रीष्मऋतु का फसल
- देश में सर्वाधिक चावल उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है | लेकिन चावल का प्रति हेक्टेयर उत्पादन पंजाब में सर्वाधिक है |
देश में सर्वाधिक चावल उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) पश्चिम बंगाल (14%)
(ii) उत्तर प्रदेश (11.7%)
(iii) आंध्र प्रदेश (11%)
देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से चावल उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) उत्तर प्रदेश (5.8%)
(ii) पश्चिम बंगाल (5.38%)
(iii) उड़ीसा (4.17%)
- पंजाब प्रतिशतता की दृष्टि से देश का सर्वाधिक सिंचित राज्य है |
- पंजाब का 97% क्षेत्रफल, सिंचित क्षेत्रफल के अन्तर्गत शामिल है | इसलिए प्रति हेक्टेयर उत्पादकता मेंपंजाब , पश्चिम बंगाल से आगे है |
- हरित क्रान्ति में मुख्य फसल गेहूँ थी और इसका क्षेत्र मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश था |
- हरित क्रान्ति के पहले चरण में धान की खेती पर प्रयोग नहीं किया गया था |
- पंजाब जलवायुविक दृष्टि से धान की कृषि के लिए अनुकूल नहीं है |
- धान की कृषि के लिए ऐसे क्षेत्र अनुकूल होते हैं, जहाँ वर्षा की मात्रा ज्यादा होती है | जैसे – पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र |
- महानदी बेसिनके क्षेत्र (छत्तीसगढ़) में वर्षा अधिक होने के कारण धान की कृषि के लिए अधिक अनुकूल है |
- छत्तीसगढ़में धान की अच्छी उपज होने के कारण इसे धान का कटोरा कहते हैं |
- धान उष्णकटिबंधीयमानसूनी जलवायु का पौधा है, जहाँ मानसून द्वारा वर्षा होती है |
- पंजाब मानसूनी वर्षा का क्षेत्र नहीं है |
- मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा केवल दिल्ली तक ही वर्षा कर पाती है | दिल्ली से आगे वायु में नमी न होने के कारण ये वर्षा नहीं कर पाती है| लेकिन सिंचाई की सुविधा के कारण ही पंजाब में धान की कृषि भी सम्भव हो सकी है |
- पंजाब में न केवल धान का उत्पादन किया जाता है, बल्कि प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में भी सबसे आगे है |
- देश में धान की कृषि के अन्तर्गत सर्वाधिक क्षेत्र पश्चिम बंगाल में है |
- चावल को बहुत धोने से विटामिन B1 (थायमिन), जो उसके ऊपरी परत में विद्यमान रहता है, नष्ट हो जाता है |
- गोल्डन राइस चावल की एक प्रजाति है, जिसमें विटामिन A (बीटा कैरोटिन) अधिक मात्रा में पाया जाता है |
- चावल में ब्लास्ट नामक रोग लगता है, जिससे पत्तियों पर भूरे रंग के नाव की तरह के चकत्ते दिखाई पड़ते हैं |
- अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान मनीला में है|
- राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान कटक (उड़ीसा) में है |
गेहूँ
- चावल और गेहूँ दोनों ग्रेमिनी कुल की फसलें हैं |
- चावल तथा गेहूँ दोनों के उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है |
- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का प्रथम स्थान है |
- चावल के बाद गेहूँ देश का दूसरासबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है |
- गेहूँ में सिंचाई की अधिक आवश्यकता होती है, क्योंकि जाड़े में वर्षा कम होती है |
- हरित क्रान्ति के पहले चरण में सर्वाधिक पैदावार गेहूँ की थी |यह तीन प्रौद्योगिकी खाद, सिंचाई और बीज पर आधारित थी |
- हरित क्रान्ति के काल से ही प्रति हेक्टेयर उत्पादन के मामले में पंजाब शीर्ष स्थान पर रहा है, लेकिन गेहूँ का कुल उत्पादन उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक है, क्योंकि उत्तर प्रदेशक्षेत्रफल की दृष्टि से पंजाब से बड़ा है |
- उत्तर प्रदेश में देश का 35%गेहूँ का उत्पादन होता है |
- भारत में विश्व का लगभग 12.5% गेहूँ का उत्पादन होता है, जबकि चावल का 21% उत्पादन होता है |
देश में सर्वाधिक गेहूँ उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) उत्तर प्रदेश (31.92%)
(ii) पंजाब (19.55%)
(iii) हरियाणा (11.6%)
देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से गेहूँ उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) उत्तर प्रदेश (9.84 मि०हे०)
(ii) मध्य प्रदेश (5.56 मि०हे०)
(iii) पंजाब (3.51 मि०हे०)
- गेहूँ के अन्तर्गत सर्वाधिक क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में है |
- गेहूँ का वानस्पतिक नाम ट्रिटिकम सटाइवम है |
- ट्रिटिकम सटाइवमकी प्रजाति का विकास करने का श्रेयनार्मन बोरलॉग को है |
- नार्मन बोरलॉग नार्वे मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक थे | इन्होंने ट्रिटिकम सटाइवम प्रजाति का विकास मैक्सिको में किया था|
- भारत में हरित क्रान्ति के दौरान गेहूँ का बीजमैक्सिको से लाया गया था |
- भारत में गेहूँ की निम्न प्रजातियाँ जैसे -Lerma Roy-64, Sonara-63, Sonara-64, मेया-64 और S-227 उगाई जाती हैं |
- जापान की प्रमुख प्रजाति नोरिन-10 (गेहूँ के बौनेपन का जीन)है |
- USA की प्रमुख प्रजाति Gainsहै |
- गेहूँ की मैकोरानी प्रजाति से सूजी बनाया जाता है |
- गेहूँ की पूसाबेकर प्रजाति से बिस्कुट बनाया जाता है |
- गेहूँ में ग्लूटिन नामक प्रोटीन पाया जाता है |
- गेहूँ में सामान्यत:प्रोटीन : 8-15%, कार्बोहाइड्रेट : 65-70%, वसा : 1.5% और खनिज : 2.0% पाया जाता है |
- गेहूँ को खरपतवार से बचाने के लिए आइसो प्रोट्यूशनया मेराक्सिशनखरपतवारनाशी तथा धान को खरपतवार से बचाने के लिए प्रोपेनिल खरपतवारनाशी का प्रयोग किया जाता है |
- खरपतवार मुख्य फसल के साथ धूप, पानी और पोषक तत्वों में प्रतिस्पर्धा करते हैं |
मोटे अनाज
- मोटे अनाज में मुख्यत: जौ, बाजरा, ज्वार और मक्का आदि फसलों को शामिल किया जाता हैं |
मक्का
- मक्का एक उभयलिंगाश्रयी पौधा है| इसका तात्पर्य है कि मक्का के एक ही पौधे पर नर तथा मादा दोनों ही फूल होते हैं |
- खाद्यान्नों में सर्वाधिक कार्बोहाइड्रेट 80% मक्का में होता है |
- मक्का में कार्बोहाइड्रेट स्टार्च के रूप में पाया जाता है|चूँकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सर्वाधिक होती है, इसलिए इसका प्रयोग बायोडीजल उत्पादन में भी किया जाता है |
- मक्का के प्रोटीन को जेन कहते हैं |
- मक्का एक C4 पौधा है |
- मक्का का सर्वाधिक उत्पादक राज्य कर्नाटक है |
- मक्का की बुआई खरीफ, रबी और जायद तीनोंफसल ऋतुओं में की जाती है |
- मक्का अमेरिकी मूल का पौधा है, जिसे 17 वीं शताब्दी में ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत में लाया गया था |
- भारत में अधिकांशत: ‘विंटल किस्म’ का मक्का उगाया जाता है, जबकि राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में ‘डेन्ट किस्में’ भी उगाये जाते हैं |
- मक्का में व्हाइट बड नामक रोग जस्ता (Zn) की कमी के कारण होता है |
जौ (Barley)
- जौ भी देश की महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है |
- जौ एक शीतकालीन ऋतु की फसल है, जो सितम्बर-अक्टूबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काटी जाती है |
- जौ का प्रयोग शराबबनाने में भी किया जाता है |
- उत्तर प्रदेश और राजस्थान देश के दो प्रमुख राज्य है, जिनमें जौ के अन्तर्गत 74% उत्पादन तथा 68% क्षेत्र प्राप्त होता है |
ज्वार (Jowar)
- क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से चावल और गेहूँ के बाद ज्वार देश की तीसरी महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है |
- इस फसल का उत्पादन वर्षा पर निर्भर करता है |
- ज्वार अफ्रीकी मूल का एक उष्णकटिबंधीय पौधा है |
- यह फसल रबी और खरीफ दोनों फसल ऋतुओं में उगायी जाती है |
- इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज एवं विटामिन प्रचुर मात्रा में होता है |
- दक्कन के पठारी क्षेत्र एवं दक्षिणी राज्यों में यह खरीफ और रबीदोनों फसल ऋतुओं में बोया जाता है, जबकि उत्तर भारत में यह खरीफ की फसल ऋतु के अन्तर्गत बोया जाता है |
- देश मेंज्वार के कुल उत्पादन का आधे से अधिक उत्पादन केवल महाराष्ट्र राज्यकरता है | अन्य प्रमुख ज्वार उत्पादक राज्य कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश है |
देश में सर्वाधिक ज्वार उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) महाराष्ट्र (32.47%)
(ii) कर्नाटक (24.16%)
(iii) राजस्थान (11.57%)
देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से ज्वार उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) महाराष्ट्र (45.28%)
(ii) कर्नाटक (19.21%)
(iii) राजस्थान (12.45%)
बाजरा (Bajra)
- बाजरा अफ्रीकी मूल का पौधा है |
- बाजरा की कृषि उष्ण एवं शुष्क जलवायु दशाओं वाले क्षेत्रों में की जाती है |
- यह रबी और खरीफ दोनों फसल ऋतुओं में उगाया जाता है |
- बाजरा,एकल फसल या कपास,ज्वार या रागी के साथ मिश्रित फसल के रूप में बोया जाता है |
देश में सर्वाधिक बाजरा उत्पादक शीर्ष 3राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) राजस्थान (4.49 मि. टन)
(ii) उत्तर प्रदेश (1.80 मि. टन)
(iii) गुजरात (0.73 मि. टन)
देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से बाजरा उत्पादक शीर्ष 3 राज्य निम्नलिखित हैं –
(i) राजस्थान (57.44%)
(ii) उत्तर प्रदेश (13.34%)
(iii) महाराष्ट्र (9.13%)
महत्वपूर्ण तथ्य –
- शीर्ष फसल क्षेत्रफल धारक राज्य क्रमश: – उत्तर प्रदेश औरराजस्थान
- सर्वाधिक सिंचित फसल क्रमश: – गन्ना और गेहूँ
- शीर्ष कृषि निर्यात – चावल, कपास और समुद्री उत्पाद
- शीर्ष कृषि आयात – दालें
Rajendra
May 4, 2022, 9:15 amTarget with Alok best
Akhil Prajapati
June 27, 2021, 9:37 pmGood notes
Khushbu Saini
May 4, 2020, 2:50 pmThanku sir ...... Sir..isme bhartiye udhoyogo ka chapter nhi karaya aapne plzz ek bar usko bhi clear kr dijiye