बहुउद्देशीय परियोजनाएँ भाग-1
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- भारत में विभिन्न उद्देश्यों जैसे -सिंचाई, बाढ़ नियन्त्रण, पेयजल आपूर्ति, जल विद्युत उत्पादन, नहर परिवहन, पर्यटन और वन्यजीव संरक्षणआदि की पूर्ति बहुउद्देशीय परियोजनाओं के तहत् की जाती है |इसलिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं० जवाहर लाल नेहरूने इन परियोजनाओं को आधुनिक भारत का मंदिर की संज्ञा दी है |
भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं –
(i) दामोदर घाटी परियोजना
(ii) भाखड़ा नांगल परियोजना
(iii) रिहन्द बाँध परियोजना
(iv) हीराकुण्ड बाँध
(v) कोसी परियोजना
दामोदर घाटी परियोजना
- दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार से प्रवाहित होती है और हुगली नदी में मिल जाती है |
- हुगली नदी गंगा नदी की प्रमुख वितरिका है,जो बंगाल में गंगा नदी से अलग होकर दक्षिण की ओर मुड़ जाती है|
- दामोदर नदी दो राज्यों झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में प्रवाहित होती है |
- मानसून काल में छोटा नागपुर पठार पर वर्षा होती है, परन्तु दामोदर नदी के द्वारा पश्चिम बंगाल मेंबाढ़ की स्थिति उत्पन्नहो जाती है, यही कारण है कि दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है |
- पश्चिम बंगाल मेंबाढ़ की समस्या के समाधान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की टेनेसी घाटी परियोजना (1933) के आधार पर संयुक्त विकास के लिए 1948 में दामोदर घाटी निगम (DVC) की स्थापना की गयी |
- दामोदर घाटी निगम ने इस समस्या को रोकने के लिए आठ बाँध बनाये जिसमेंकोनार, मेथान, तिलैया और पंचेतहिल बाँध प्रमुख हैं|
भाखड़ा नांगल परियोजना
- पंजाब में सतलज नदीके पानी को रोक कर दो बाँध बनाए गए – भाखड़ा (हिमाचल प्रदेश) और नांगल (पंजाब)|इसे संयुक्त रूप से भाखड़ा नांगल बाँध कहते हैं |
- भाखड़ा नांगल बाँध के पीछे जिस जलाशय का निर्माण हुआ है उसे गोविन्द सागर झील (जलाशय) कहते हैं |
- भाखड़ा बाँध विश्व का सबसे ऊँचा गुरूत्वीय बाँध (226 मीटर) है |
- भाखड़ा नांगल परियोजना तीन राज्यों – पंजाब,हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है|
- हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली को इस परियोजना का लाभ मिला है |
- भाखड़ा नांगल बाँध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बाँध है, जिसकी ऊँचाई 226 मीटर है | इससे ऊँचा एकमात्र टिहरी बाँध (261 मीटर) है |
- गोविन्द सागर झील (जलाशय) की गिनती मध्य प्रदेश के इंदिरा सागर बाँध के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े जल संग्रहण क्षेत्र के रूप में होती है |
रिहन्द बाँध परियोजना
- रिहन्द बाँध परियोजना उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिलेतथा मध्य प्रदेश की सीमा पर पिपरी नामक स्थान पर सोननदीकी सहायक रिहन्द नदी पर बनाया गया है |
- सोन नदी अमरकंटक चोटी से निकलकर बिहार में गंगा नदी से मिल जाती है |
- इस परियोजना के अन्तर्गत 90 मीटर ऊँचा और 930 मीटर लम्बा कंक्रीट बाँध बनाया गया है तथा गोविन्द वल्लभ पन्त सागर नामक कृत्रिम झील का निर्माण भी किया गया है |
- यह भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है | रिहन्द बाँध को ओबरा परियोजना भी कहते हैं |
- गोविन्द वल्लभ पन्त सागर भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है |
हीराकुण्ड बाँध
- उड़ीसा में महानदी पर हीराकुण्ड बाँध का निर्माण किया गया है |
- हीराकुण्ड बाँध बनने से पहले महानदी को उड़ीसा का शोक कहते थे |
- हीराकुण्ड बाँधविश्व का सबसे लम्बा बाँध है, इसकी लम्बाई 4801 मीटर है |
कोसी परियोजना
- कोसी नदी तिब्बत के पठार से निकलती है और नेपाल से होते हुए बिहार में प्रवाहित होती है |
- कोसी नदी बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी से मिलती है |
- कोसी नदी हिमालय से बहाकरलाए गए अवसादों से मैदानी क्षेत्र में आकर अपने मार्ग को अवरूद्ध कर लेती है और अपना मार्ग बदल लेती है,जिसे विसर्पण कहते हैं
- कोसी नदी को बिहार का शोक कहते हैं |
- बिहार में कोसी नदी से उत्पन्न इस समस्या से समाधान प्राप्त करने के लिए हनुमान नगर नामक स्थान पर एक बाँध बनाया गया है, जिसे हनुमान नगर बैराज कहते हैं |