क्रोमाइट
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- धात्विक खनिजों में जिस प्रकार सीसा और जस्ता का नाम एक साथ लिया जाता है, उसी प्रकार क्रोमाइट एवं निकिल का नाम भी साथ-साथ लिया जाता है | भारत में ओडिशा खनिज सम्पदा की दृष्टि से अत्यधिक समृद्ध राज्य है |भारत में क्रोमाइट का लगभग 95 प्रतिशत भण्डारण ओडिशा राज्य में पाया जाता है |
- भारत में ओडिशा राज्य क्रोमाइट एवं निकिल दोनों के उत्पादन एवं भण्डारण में प्रथम स्थान पर है |भारत में क्रोमाइट एवं निकिल के भण्डारण में ओडिशा , मणिपुर और नागालैंड शीर्ष स्थान पर हैं|
- भारत में क्रोमाइट एवं निकिल के उत्पादन में शीर्ष स्थान रखने वाले राज्य क्रमशः ओडिशा, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र राज्य हैं|
- क्रोमाइट एवं निकिल दोनों का उपयोग लोहा इस्पात उद्योग में स्टेनलेस स्टील (stainless steel) बनाने के लिए किया जाता है,इसलिए ये दोनों धातुएं अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं|
- भारत में उड़ीसा राज्य के कटक जिले में सुकिन्दा घाटी क्रोमाइट उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है | सुकिंदा घाटी में ही अधिकांशतः क्रोमाइट पाया जाता है |क्रोमाइट के उत्पादन में ओडिशा का एकाधिकार है |
- क्रोमाइट एक धात्विक खनिज है | क्रोमाइट से ही क्रोमियम प्राप्त किया जाता है |इसका उपयोग आमतौर पर स्टील पर चमक लाने के लिए किया जाता है | इसके अलावा क्रोमाइट का उपयोग स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) बनाने में किया जाता है |
- स्टेनलेस स्टील मुख्यत: 4 धातुओं को मिलाकर बनाया जाता है-
(i) लोहा (ii) क्रोमियम
(iii) निकिल (iv) कार्बन
- स्टेनलेस स्टील बनाने में मैगनीज का प्रयोग नहीं किया जाता है |
- भारत में निकिल के उत्पादन और भण्डारण में भी ओडिशा राज्य का प्रमुख स्थान है |
![क्रोमाइट](http://www.targetwithalok.in/wp-content/uploads/2020/04/mineral-min.jpg)
टिन
- भारत में टिन का सीमित भण्डारण पाया जाता है | टिन के प्रमुख अयस्क को कैसिटेराइट (cassiterite) कहा जाता है |
- भारत में टिन का एकमात्र उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ है | छत्तीसगढ़ में बस्तर के पठार (बस्तर जिला) से टिन प्राप्त किया जाता है| छत्तीसगढ़ राज्य में टिन अयस्क का प्रमुख भण्डार भी पाया जाता है |टिन का प्रयोग प्रायः टिन की चादरें बनाने और मिश्रित धातुओं के निर्माण में किया जाता है |
बाइराइट्स
- बाइराइट्स अत्यधिक मजबूत धातु होती है |इसका उपयोग मुख्यतः तेल के कुएं खोदते समय उसमे से निकलने वाली गैस को रोकने के लिए किया जाता है |
- भारत में आन्ध्र प्रदेश बाइराइट्स के उत्पादन में विश्व में अग्रणी स्थान रखता है |भारत में 95 प्रतिशत बाइराइट्स का भण्डारण आंध्र प्रदेश राज्य के अंतर्गत है | आन्ध्र प्रदेश के कुडप्पा जिले में मंगमपेट विश्व का सबसे बड़ा बाइराइट्स का भण्डार है |
धातुओं का प्रमुख उपयोग –
- लोहा,मैगनीज, क्रोमियम और निकेल का उपयोग मुख्यतः इस्पात उद्योग में किया जाता है |
- मैगनीज का प्रयोग शुष्क बैटरियों के निर्माण में भी किया जाता है |
- फैरोमैगनीज लोहा और मैगनीज का मिश्र धातु है |
- कुछ मिश्र धातुएं ऐसी होती हैं, जो भारत में प्राचीन काल से ही बनाई जाती रही हैं|उदहारण के लिए सैन्धव सभ्यता के लोग तांबे में टिन को मिलाकर एक नया धातु कांसे का निर्माण करते थे |
- ताँबा और टिन को मिलाकर कांसा बनाया जाता है |
- ताँबा और जस्ता के संयुक्त मिश्रण से पीतल बनाया जाता है |
- तांबा, जस्ता, और निकल के संयुक्त मिश्रण से जर्मन सिल्वर बनाया जाता है |
- रोल्ड गोल्ड (Rolled Gold)तांबा और सोना के मिश्रण से बनाया जाता है |
- जिप्सम, चूना और सीमेंट के मिश्रण से प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाया जाता है |
- जस्ते का मुख्य प्रयोग लोहे कोजंगरोधी बनाने के लिए किया जाता है |
- सीसे का सर्वाधिक उपयोग लौह इस्पात उद्योग में किया जाता है |
- बाइराइट्स का भण्डार मंगमपेट भण्डार (आंध्र प्रदेश) में सर्वाधिक है | इसका प्रयोग मुख्य रूप से तेल कुआँ की ड्रिलिंग में किया जाता है |
टाइटेनियम
- टाइटेनियम एक मिश्र धातु है | यह प्रकृति में स्वतन्त्र रूप में नहीं पायी जाती है, इसे कृत्रिम रूप से कारखानों में तैयार किया जाता है | इसके प्रमुख खनिज इलमिनाइट तथा रूटाइल है तथा अन्य दूसरे खनिज स्थुडो ब्रुकाइट, एरीजोनाइट, गाइकीलाइट तथा पायरोफेनाइट इत्यादि हैं | यह विश्व के सबसे मजबूत धातुओं में से एक है |
- यह हल्का एवं मजबूत होने के कारण इसका उपयोग मुख्य रूप से एयरक्रॉफ्ट, स्पेसशटल, मिसाइल आदि बनाने में किया जाता है |