हिमालय के अंतर्गत प्रमुख ग्लेशियर एवं दर्रे

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हिमालय के अंतर्गत प्रमुख ग्लेशियर

  • जम्मू-कश्मीर राज्य में काराकोरम श्रेणी पर प्रमुख 5 ग्लेशियर पाये जाते है –
    (i) ससाइमी

    (ii) बियाफो

    (iii) सियाचिन

    (iv) बाल्टोरो

    (v) हिस्फर

  • ससाइमी ग्लेशियर भारत का सबसे बड़ा ग्लेशियर है | सियाचिन ग्लेशिर काराकोरम पर्वत श्रेणी पर सबसे पूर्व  में स्थित ग्लेशियर है |
  • सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रेणी पर काराकोरम दर्रे के समीप स्थित है |
  • सियाचिन ग्लेशियर नुब्रा नदी का उद्गम स्थान है | नुब्रा नदी के आस-पास का क्षेत्र नुब्रा नदी की घाटी के नाम से जाना जाता है |
  • उत्तराखण्ड राज्य में दो महत्वपूर्ण ग्लेशियर है –
    (i) गंगोत्री

    (ii) मिलाम

  • सिक्किम राज्य के उत्तरी सीमा पर जेमू ग्लेशियर स्थित है |तीस्ता नदी का उद्गम स्थान जेमू ग्लेशियर है |

Note –तीस्ता नदी को तीस्सा नदी के नाम से भी जाना जाता है |

  • तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी है |

हिमालय के अंतर्गत प्रमुख दर्रे

  • जम्मू-कश्मीर राज्य में पाँच प्रमुख दर्रे हैं, जो निम्नवत हैं –
    (i) काराकोरम

    (ii) खार्दुंगला

    (iii) बुर्जिल

    (iv) जोजिला

    (v) बनिहाल

  • काराकोरम दर्रा भारत का सबसे ऊँचाई पर स्थित दर्रा है |
  • काराकोरम दर्रा सियाचिन ग्लेशियर के समीप स्थित है |
  • पाक अधिकृत कश्मीर से होकर जाने वाला चीन-पाकिस्तान सड़क मार्ग काराकोरम दर्रे से होकर गुजरता है |
  • खार्दुंगला दर्रा लद्दाख श्रेणी पर स्थित है |
  • लद्दाख श्रेणी के दक्षिण में लेह है | लेह से सियाचिन ग्लेशियर जाने के लिए खार्दुंगला दर्रे से ही होकर गुजरना पड़ता है |
  • बुर्जिल दर्रा तथाजोजिला दर्राजास्कर पहाड़ी पर स्थित है |
  • श्रीनगर से लेह तक जाने वाला सड़क मार्ग जोजिला दर्रा से होकर गुजरता है, यह जास्कर श्रेणी पर स्थित है |
  • लघु हिमालय के सबसे पश्चिमी श्रेणी को पीरपंजाल श्रेणी तथा सबसे पूर्वी श्रेणी को धौलाधार श्रेणीकहते हैं |
  • श्रीनगर वृहद् हिमालय एवं पीरपंजाल श्रेणी के मध्य में अवस्थित है |
  • पीरपंजाल पर्वत श्रेणी पर दो दर्रे हैं –
    (i) पीरपंजाल दर्रा

    (ii) बनिहाल दर्रा

  • वृहद् हिमालय एवं पीरपंजाल के बीच की घाटी को कश्मीर घाटी कहते हैं | श्रीनगर एवं डल झील कश्मीर घाटी में ही स्थित है |
  • जम्मूसे श्रीनगर जाने वाला सड़क मार्ग NH1A बनिहाल दर्रे से ही होकर गुजरती है | बनिहाल दर्रे में ही जवाहर सुरंग स्थित है |
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH1A जवाहर सुरंग से ही होकर गुजरता है |
  • हिमाचल प्रदेश में प्रमुख रूप से तीन दर्रे है –
    (i) बारालाचाला

    (ii) शिपकीला

    (iii) रोहतांग दर्रा

  • बारालाचाला दर्रा जास्कर श्रेणी पर स्थित है |
  • धौलाधार श्रेणी के दक्षिण में हिमाचल प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर ‘मंडी‘ है,मंडी से लेह तक जाने वाला सड़क मार्ग बारालाचाला दर्रे से होकर गुजरता है |
  • शिपकीला दर्रा हिमाचल प्रदेश और तिब्बत सीमा पर स्थित है |
  • धौलाधार श्रेणी पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी ‘शिमला‘ है |
  • शिपकीला दर्रे के समीप से ही सतलज नदी हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है |
  • सतलज नदी तिब्बत स्थित मानसरोवर झील के समीप राकसतालसे निकलती है |
  • शिपकीला दर्रा जास्कर श्रेणी पर स्थित है |
  • जास्कर श्रेणी पर चार प्रमुख दर्रे बुर्जिल, जोजिला, बारालाचालाऔर शिपकीलाहैं|
  • जास्कर श्रेणी के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर राज्य में दो दर्रे बुर्जिलऔर जोजिला तथा हिमाचल प्रदेश राज्य के अंतर्गत बारालाचालाऔर शिपकीलाहै |
  • उत्तराखण्ड में प्रमुख रूप से 4 दर्रे मुलिंगला, मानाला, नीतिला और लिपुलेख हैं|
  • सिक्किम राज्य में प्रमुख रूप से दो दर्रे नाथुला और जेलेपलाहैं|
  • चुम्बी घाटीसिक्किम राज्य के अन्तर्गत स्थित है | चुम्बीघाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग नाथुला और जेलेपलादर्रों से ही होकर गुजरता है |
  • भारत चीन के मध्य सड़क व्यापार नाथुला दर्रे से ही होती है |
  • अरूणाचल प्रदेश राज्य में छ: दर्रे स्थित है बोमडिला, यांग्याप, कांगरीकर्पोला, दिफू, पांगसाडऔर लिखापानीहैं|
  • बोमडिला, यांग्याप और कांगरीकर्पोलादर्रा तिब्बत सीमा पर स्थित है |
  • दिफू, पांगसाड और लिखापानी दर्रा म्यांमार सीमा पर स्थित है |
  • बोमडिला दर्रे को बुमला दर्रा भी कहते हैं |
  • मणिपुर एवं म्यांमार सीमा पर तुजु दर्रा स्थित है |

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