हिमालय की नदियां
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- भारत की नदियों को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से दो भागों में बांटकर अध्ययन किया जा सकता है –
(i) प्रायद्वीपीय भारत की नदियां(ii) हिमालय की नदियां
- हिमालय की नदियों को तीन भागों में विभाजित किया गया है –
(i) सिंधु नदी तंत्र(ii) गंगा नदी तंत्र
(iii) ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
- हिमालय पर प्रवाहित होने वाली तीन ऐसी नदियां हैं, जो हिमालय के उत्थान से पूर्व भी उस स्थान पर प्रवाहित होती थीं, ऐसी नदियों को पूर्ववर्ती नदियां कहते हैं|पूर्ववर्ती से आशय यह है कि ये तीनों नदियां हिमालय के उत्थान से भी पहले तिब्बत के मानसरोवर झील के पास से निकलती थीं और टेथिस सागर में अपना जल गिराती थीं| ये तीन पूर्ववर्ती नदियां निम्नलिखित हैं-
(i) सिंधु नदी(ii) सतलज नदी
(iii) ब्रह्मपुत्र नदी
- आज जिस स्थान पर हिमालय पर्वत का विस्तार है, वहां पहले टेथिस सागर का विस्तार था, जिसे टेथिस भू-सन्नति भी कहते हैं|
- जब टेथिस भू-सन्नति से हिमालय का उत्थान प्रारम्भ हुआ, तो इन नदियों ने न तो अपनी दिशा बदली और न ही अपना रास्ता छोड़ा बल्कि ये तीनों नदियां हिमालय के उत्थान के साथ-साथ हिमालय को काटती रहीं अर्थात् अपने घाटियों को गहरा करती रहीं, जिसके परिणाम स्वरूप इन तीनों नदियों ने वृहद् हिमालय में गहरी और संकरी घाटियों का निर्माण कर दिया, जिसे गॉर्ज अथवा आई (I) आकार की घाटी या कैनियन भी कहते हैं| उदाहारण के लिए-
सिंधु गॉर्ज | जम्मू-कश्मीर में गिलगिट के समीप सिंधु नदी पर| |
शिपकिला गॉर्ज | हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी पर| |
दिहांग गॉर्ज | अरूणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी पर| |
सिंधु नदी तंत्र
- हिमालय क्षेत्र की तीनों पूर्ववर्ती नदियां अर्थात् सिंधु, सतलज और ब्रह्मपुत्र अंतर्राष्ट्रीय नदियां हैं, अर्थात् ये तीनों नदियां तीन देश से होकर प्रवाहित होती हैं –
सिंधु नदी | चीन, भारत, पाकिस्तान |
सतलज नदी | चीन, भारत, पाकिस्तान |
ब्रह्मपुत्र नदी | चीन, भारत, बांग्लादेश |
- सिंधु नदी तंत्र की मुख्य नदी सिंधु नदीहै|
- सिंधु नदी के बायें तट पर आकर मिलने वाली 5 प्रमुख सहायक नदियों का क्रम इस प्रकार है- झेलम, चिनाब, रावी, व्यासऔरसतलज|
- सिंधु नदी तंत्र में दो नदियां तिब्बत के मानसरोवर झील से निकलती हैं-
(i) सिंधु नदी(ii) सतलज नदी
- सिंधु नदी तंत्र की एकमात्र नदी झेलम नदी जम्मू-कश्मीरराज्य से निकलती है|
- सिंधु नदी तंत्र की शेष तीन नदियां चेनाब, रावी और व्यास हिमाचल प्रदेश से निकलती हैं|
- सिंधु नदी तंत्र की पांच प्रमुख सहायक नदी को,जो पंजाब में बहती हैं, इन्हें पंचनद कहते हैं| ये पांचों प्रमुख सहायक नदियां सम्मिलित रूप से पाकिस्तान के मिठानकोट में सिंधु नदी के बायें तट पर अपना जल गिराती हैं|
- सिंधु नदी तंत्र की नदियों का उद्गम स्थान निम्न है-
नदी उद्गम स्थान सिंधु तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से| सतलज तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप राकसताल या राक्षसताल से| झेलम जम्मू-कश्मीर में बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से| चेनाब हिमाचल प्रदेश में बारालाचाला दर्रे के समीप से रावी और व्यास हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के समीप से| इनमें से व्यास नदी सतलज की सहायक नदी है|
- व्यास नदी सिंधु नदी तंत्र की एकमात्र सहायक नदी है, जो पाकिस्तान में प्रवाहित नहीं होती है|
- व्यास नदीरोहतांग दर्रे (हिमाचल प्रदेश) से निकलकर पंजाब में कपूरथला के निकट हरिके नामक स्थान पर सतलज नदी से मिल जाती है|
सिंधु नदी
- सिंधु नदी ‘सिंधु नदी तंत्र’ की प्रमुख नदी है| सिंधु नदी ब्रह्मपुत्र नदी के बाद भारत में प्रवाहित होने वाली दूसरी सबसे बड़ी नदी है|
- Note – भारत में प्रवाहित होने वाली छ: सबसे लम्बी नदियों का क्रम इस प्रकार है –
क्रम नदी लम्बाई (i) ब्रह्मपुत्र 2900 किमी. (ii) सिंधु 2880 किमी. (iii) गंगा 2525 किमी. (iv) सतलज 1500 किमी. (v) गोदावरी 1465 किमी. (दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी) | (vi) यमुना 1385 किमी.
- सिंधु नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से निकलकर जम्मू-कश्मीर राज्य में प्रवेश करती है|
- सिंधु नदी जम्मू-कश्मीर राज्य में लद्दाख और जास्कर श्रेणियों के मध्य होते हुए उत्तर-पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती है|
- ‘लेह‘ सिंधु नदी के तट पर लद्दाख और जास्कर श्रेणियों के मध्य बसा हुआ है|
- सिंधु नदी गिलगिट के समीप गहरे गॉर्ज का निर्माण करती है, जिसे सिंधु गॉर्ज कहते हैं| गिलगिट के समीप ही सिंधु नदी दक्षिण की ओर मुड़ती है और पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है|
- झेलम नदी –
- झेलम नदी जम्मू-कश्मीर में बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से निकलती है और श्रीनगर से होते हुयेवुलर झील में मिल जाती है|
- झेलम नदी वुलर झील से आगे भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ प्रवाहित होती है, इसके पश्चात् झेलम नदी पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है|
- झेलम नदी कश्मीर घाटी से होकर प्रवाहित होती है| कश्मीर घाटी एक समतल मैदान है, इस समतल मैदान में ढाल कम होने के कारण झेलम नदी विसर्पों का निर्माण करती है|
- झेलम नदी जम्मू-कश्मीर में अनन्तनाग से बारामुला तक नौकागम्य है|
- चेनाब नदी
- चेनाब नदी हिमाचल प्रदेश के बाडालाचाला दर्रे के समीप से निकलती है|
- रावी और व्यास नदी
- रावी और व्यास नदियां हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे से निकलती हैं|
- व्यास नदी सिंधु नदी तंत्र की एकमात्र नदी है, जो पाकिस्तान में प्रवाहित नहीं होती है|
- व्यास नदी रोहतांग दर्रे से निकलकर पंजाब में कपूरथला के निकट हरिके नामक स्थान पर सतलज नदी से मिल जाती है|
- सतलज नदी –
- सतलज नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के समीप राकसताल से निकलती है और हिमाचल प्रदेश में शिपकिला दर्रे के समीप से प्रवेश करती है|
- सतलज नदी हिमाचल प्रदेश में शिपकिला गॉर्ज का निर्माण करती है|
- भारत में सतलज नदी दो राज्यों हिमाचल प्रदेश एवं पंजाबसे होकर प्रवाहित होती है|
- सतलज नदी सिंधु नदी के शेष चार नदियों का जल लेकर सम्मिलित रूप से पाकिस्तान के मिठानकोट में सिंधु नदी से बायीं तट पर मिल जाती है|
- पंचनद के अलावा कुछ अन्य छोटी नदियां भी हैं, जो सिंधु नदी से बांयी तट पर मिलती हैं| इनमें से ज्यादातर नदियां जम्मू-कश्मीर राज्य में प्रवाहित होती हैं| ये नदियां हैं –जास्कर, श्यांग, शिगारऔर गिलगिट
- सिंधु नदी से दाहिने तट पर मिलने वाली कुछ अन्य सहायक नदियां हैं –श्योक, काबुल, कुर्रम और गोमद|
- सिंधु नदी जल समझौता
- सिंधु नदी जल समझौता 1960 ई. में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था| इसके तहत सिंधु नदी तंत्र के पश्चिम के तीन नदियों-सिन्धु, चेनाब और झेलमके जल का 80% प्रयोग पाकिस्तान करेगा और 20% जल का उपयोग भारत करेगा| साथ ही सिंधु नदी तंत्र के पूर्वी तट के तीन नदियों-व्यास, रावी और सतलज के जल का 80% उपयोग भारत करेगा और 20% जल का उपयोग पाकिस्तान करेगा|
Ranjeet kumar
May 18, 2020, 7:15 amnice sir
SITESH KUMAR
April 29, 2020, 1:33 pmNice sir ji
Santosh yadav
April 2, 2020, 4:19 pmVastav me sir aap geography ko interesting bna dete hai...thanku sir..???
neeta dangi
March 22, 2020, 6:16 pmTHANKU SO MUCH SIR JI
PAWAN KUMAR
March 8, 2020, 7:57 amधन्यावाद सर हम गरीबो के मसीहा.....
Laljee yadav
February 29, 2020, 2:37 pmThanks a lot sir
Laljee yadav
February 29, 2020, 2:36 pmThanks a lot sir
Laljee yadav
February 29, 2020, 2:36 pmTysm
Vinay
February 28, 2020, 12:22 pmSir ji aap ka notes read karke achha laga thanks u
Vinay
February 28, 2020, 12:20 pmNice sir ji