भारत में पहली रेल 16 अप्रैल, 1853 ई० को मुम्बई से थाणे के मध्यचलाई गयी थी | इसकी कुल लम्बाई 34 किमी०है | इस समय भारत के गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी थे | भारत में दूसरी रेल लाइन 1854 ई० में कोलकाता से रानीगंज के मध्य बिछाई गयी थी |
भारत का पहला विद्युतीकृत रेलमार्ग गवर्नर जनरल लार्ड रिडिंग के काल (1925) में मुम्बई से कुर्ला के बीच बिछाया गया था | भारत में चलाई जाने वाली देश की पहली विद्युत इंजन का नाम डेक्कन क्वीन था |
भारतीय रेलवे एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी रेल प्रणाली है |
विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणाली अमेरिका की रेल प्रणाली है |इसके पश्चात रूस तथा भारत की रेल प्रणाली क्रमशः दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी रेल प्रणाली है|किन्तु रेलमार्ग की लम्बाई के दृष्टि से भारत का विश्व में चौथा स्थान है |रेलमार्ग की लम्बाई के दृष्टि सेविश्व के शीर्ष देश संयुक्त राज्य अमेरिका ,चीन, रूसऔर भारतहैं |
भारत में रेल का प्रबंधन और संचालन करने के लिए देश को अलग-अलग प्रशासनिक इकाईयों में बांटा गया है | इसे रेल जोन(Rail Zone) कहते हैं |
प्रत्येक रेलजोन का अपना मुख्यालय होता है|रेल जोन का संचालनइन्ही मुख्यालयों से किया जाता है|उदाहरण के लिए उत्तरी रेलवे एक रेल जोन है | इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है |अत: उत्तरी रेलवे का संचालन एवं प्रबंधन नई दिल्ली से किया जाता है |
भारत में रेलवे के प्रबंधन एवं संचालन के लिए रेलवे को 17 जोन में विभाजित किया गया है |
मुम्बई वीटी देश का पहला रेल जोन है, जिसने 1951 में कार्य का संचालन प्रारम्भ किया था |
रेल जोन
मुख्यालय
उत्तरीरेलवे
नई दिल्ली
उत्तर-मध्य रेलवे
इलाहाबाद
उत्तर-पश्चिम रेलवे
जयपुर
उत्तर-पूर्व रेलवे
गोरखपुर
उत्तर-पूर्व सीमा प्रान्त रेलवे
मालेगांव (गुवाहाटी)
पूर्वी रेलवे
कोलकाता
पूर्वी-मध्य रेलवे
हाजीपुर (पटना के पास)
पूर्वी तटवर्ती रेलवे
भुवनेश्वर (उड़ीसा )
दक्षिण रेलवे
चेन्नई
दक्षिण-मध्य रेलवे
हैदराबाद के पास सिकंदराबाद
दक्षिण-पश्चिम रेलवे
हुबली (कर्नाटक)
दक्षिण-पूर्व रेलवे
कोलकाता
दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे
विलासपुर (छत्तीसगढ़)
पश्चिम रेलवे
मुम्बई चर्च गेट
मध्य रेलवे
मुम्बई वीटी
पश्चिम-मध्य रेलवे
जबलपुर
कोलकाता मेट्रो
कोलकाता
कोंकण रेल परियोजना
प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी तट को उत्तर से दक्षिण तक जोड़ने के लिए एक रेल लाइन बिछाई गयी थी, इसी को कोंकण रेल परियोजना कहते हैं|कोंकण रेल परियोजनामहाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल को जोड़ने के लिए 1990 में प्रारम्भ किया गया था |यह रेल लाइन महाराष्ट्र के रोहा से लेकर केरल के मंगलूरके बीच में बिछाई गयी है |
कोंकण रेलमार्ग पर महाराष्ट्र के रत्नागीरि जिले में एक पर्वतीय सुरंग है, इस सुरंग का नाम कारगुडे रेल सुरंग है | यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी रेल सुरंग है | भारत की सबसे बड़ी रेल सुरंग पीरपंजाल रेल सुरंग है |
कोंकण रेल परियोजना का मुख्यालय मुम्बई नवी है |
भारत में कुछ पर्यटक ट्रेनें चलाई गई हैं जो प्रमुख स्थलों से होकर गुजरती हैं | इनका विवरण निम्नलिखित है –
पर्यटन ट्रेन
स्थान
डेक्कन ओड़ीसा
महाराष्ट्र
हेरिटेज ऑन व्हील
राजस्थान
पैलेस ऑन व्हील
राजस्थान
महाराजा एक्सप्रेस
दिल्ली से मुम्बई
ओरियेन्ट एक्सप्रेस
गुजरात
भारत में ब्रिटिश काल में कुछ ट्वाय ट्रेनें चलायी जाती थीं | आज भी ये ट्रेनें भारत में कुछ स्थानों पर चलायी जाती हैं |
भारत में पहली ट्वाय ट्रेन दार्जिलिंग ट्वाय ट्रेन के नाम से चलायी गयी थी | इसके बाद नीलगिरि ट्वाय ट्रेन एवं शिमला ट्वाय ट्रेन भी चलायी गयी थी |
यूनेस्को (UNESCO) ने भारत की कुछ ट्वाय ट्रेनों को विश्वधरोहर में शामिल किया गया है, जो निम्नलिखित हैं-
ट्वाय ट्रेन
विश्वधरोहर में शामिल (वर्ष)
दार्जिलिंग ट्वाय ट्रेन
1999
नीलगिरि ट्वाय ट्रेन
2005
शिमला ट्वाय ट्रेन
2008
एक्टवर्थ कमेटी के सिफारिशों के आधार पर 1924 ई० में रेल बजट को आम बजट से अलग किया गया था| अर्थात् भारत में पहली स्वतन्त्र रेल बजट 1924 ई० में ही प्रस्तुत किया गया था |
भारतीय रेलवे द्वारा परिवहित तीन सबसे भारी सामान कोयला, सीमेंट तथा खाद्यान्न है |
भारत का सबसे लम्बा रेलमार्ग असम के डिब्रूगढ़ से प्रारम्भ होकर कन्याकुमारी तक है | इस रेलमार्ग पर चलने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है |
Note- उपरोक्त विषय में प्रस्तुत आंकड़े वर्ष 2020 में वास्तविक आंकड़ो पर आधारित हैं इसलिए विश्वसनीय हैं |